जैन मंत्र - णमोकार मंत्र

णमो अरिहंताणं

(मैं अरिहंतों को नमन करता हूँ।)

णमो सिद्धाणं

(मैं सिद्धों को नमन करता हूँ।)

णमो आयरियाणं

(मैं आचार्यों को नमन करता हूँ।)

णमो उवज्झायाणं

(मैं उपाध्यायों को नमन करता हूँ।)

णमो लोए सव्वसाहूणं

(मैं समस्त साधुओं को नमन करता हूँ।)

एसो पंच णमोक्कारो सव्व पावप्पणासणो।
मंगलाणं च सव्वेसिं पढमं हवइ मंगलं।।

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यह पृष्ठ मेरे पिता की स्मृति में जैन धर्म को समर्पित है।
जैन धर्म अहिंसा, सत्य और तपस्या पर जोर देता है।

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